पेंशनदारों का इजराए पेंशन, और अहल-ए-शहर की आबादी मसकन, यहाँ उस सूरत पर नहीं है, जैसी और कहीं है। और जगह सियासत है कि मिंजुमला ज़रूरियात-ए-रियासत है, यहाँ क़हर-ए-इलाही है कि मंशा-ए-तबाही है।
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