शुक्र है ख़ुदा का कि तुम्हारी ख़ैर-ओ-आ़फ़ियत मालूम हुई। तुम भी ख़ुदा का शुक्र बजा लाओ कि मेरे यहाँ भी इस वक़्त तक ख़ैरियत है। दोनों लड़के खुश हैं। आम-आम करते फिरते हैं। कोई उनको नहीं देता।
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